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कान दर्द का इलाज

कान में दर्द क्या होता है?


कान में दर्द या कान का दर्द एक ऐसा दर्द होता है, जो कान के अंदरूनी हिस्से में होता है। ज्यादातर कान के दर्द कान के मध्य में सूजन या संक्रमण होने के कारण होता है। वैसे कान दर्द ज्यादातर बच्चों में देखा जाता है, लेकिन वयस्कों को भी मध्य कान में संक्रमण या मध्यकर्णशोथ (Otitis Media) जैसे समस्याएं विकसित हो सकते हैं। कान में दर्द होना आम तौर पर कोई गंभीर समस्या का संकेत तो नहीं देता, लेकिन यह काफी पीड़ादायक हो सकता है।


कान दर्द तेज, मध्यम या कान में जलन जैसा अनुभव हो सकता है, इसका दर्द आता-जाता रह सकता है या स्थिर भी हो सकता है।


कान में दर्द के प्रकार - Types of Ear Pain in Hindi

कान में दर्द के लक्षण - Ear Pain Symptoms in Hindi

कान में दर्द के कारण - Ear Pain Causes in Hindi

कान में दर्द से बचाव - Prevention of Ear Pain in Hindi

कान में दर्द का परीक्षण - Diagnosis of Ear Pain in Hindi

कान में दर्द का इलाज - Ear Pain Treatment in Hindi

कान में दर्द की जटिलताएं - Ear Pain Complications in Hindi

कान में दर्द की दवा - Medicines for Ear Pain in Hindi


 

कान में दर्द के प्रकार - Types of Ear Pain in Hindi


कान में दर्द के प्रकार क्या होते हैं?


1. प्राथमिक कान दर्द:


कान का दर्द मध्यम, बाहरी या अंदरूनी कान के किसी रोग के कारण हो सकता है, जैसे कि मध्य कान में संक्रमण। लेकिन दर्द अनुभव करने के संदर्भ में ये तीनों प्रकार के कान के दर्द एक जैसे महसूस होते हैं।


बाहरी कान में दर्द हो सकता है:


यांत्रिक – जैसे आघात, कान में बाहरी पदार्थ जैसे बाल, कीड़े या रूई आदि का होना।

संक्रमित (बाहरी कर्णशोथ/ Otitis External)

मध्यम कान में दर्द हो सकता है:


यांत्रिक – जैसे दबाव के कारण आघात, यूस्टेकियन ट्यूब (Eustachian tube) और मध्यकर्णशोथ आदि।

सूजन या संक्रमित – तीव्र मध्यकर्णशोथ, कर्णमूलकोशिकाशोथ (Mastoiditis)

2. निर्दिष्ट कान दर्द (Secondary):


शरीर के अन्य भागों से भी दर्द कान तक दर्द पहुँच सकता है। उदाहरण के तौर पर, दांत में कैविटी के कारण भी कान के हिस्सों में दर्द होने लगता है। जैसे दंत पल्प में सूजन होने के कारण दांतों में क्षय होने लगता है, जिसके कारण दर्द दांतों तक जाने लगता है। 


दांतों की स्थितियों से जुड़े अन्य कारण जो कान में दर्द का कारण भी बन सकती हैं:


टेंपॉरोमैंडीबुलर जॉइंट रोग (Temporomandibular joint dysfunction)  

प्रभावित तीसरी दाढ़ (Impacted third molar teeth)

मुंह में या जीभ के नीचे घाव


 

कान में दर्द के लक्षण - Ear Pain Symptoms in Hindi


कान में दर्द के साथ क्या लक्षण दिखाई दे सकते हैं?


कान में दर्द निम्न दर्द व समस्याओं के साथ जुड़ा हो सकता है।


दांतों में दर्द या फोड़े आदि होना, बच्चों के दांत आना

कान में वैक्स बनना, कान में कुछ फंसना, कान के परदे में छेद होना (तीव्र आवाज या दुर्घटना के कारण)

निगलने के दौरान दर्द, गले में दर्द या टॉन्सिलाइटिस

बुखार, कान में संक्रमण या जुकाम।

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?


अगर आपको कान में दर्द के साथ निम्न लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए:


तेज बुखार (और पढ़ें - बुखार को कम करने के घरेलू उपाय)

कान के चारों ओर सूजन

कान से द्रव निकलना

कान में कुछ फंसना

3 दिन से ज्यादा एक कान में दर्द रहना

सुनने में कमी या बदलाव (और पढ़ें - बहरापन)

अन्य लक्षण, जैसे मतली और उल्टी, गले में गंभीर दर्द

चक्कर आना, सिर में दर्द, कान के चारों ओर सूजन, या चेहरे की मांसपेशियां कमजोर पड़ना

गंभीर दर्द होना जो अचानक से बंद हो जाता है (यह कान का परदा फटने का संकेत हो सकता है)

दर्द, चिड़चिड़ापन और बुखार जैसे लक्षण जो 24 से 48 घंटों तक बना रहे।

कान में दर्द के कारण - Ear Pain Causes in Hindi


कान में दर्द क्यों होता है और इसके होने के जोखिम कारक क्या होते हैं?


यूस्टेकियन ट्यूब (Eustachian tube) कान के मध्य भाग से गले के पिछले भाग तक जाती है। इसका काम कान के मध्य में बनने वाले द्रव को निष्कासित करना होता है। अगर यूस्टेकियन ट्यूब रूक जाए तो द्रव अधिक होने के कारण कान के परदे के पीछे दबाव बन सकता है या कान में संक्रमण हो सकता है।


वयस्कों में कान दर्द का कारण, उनके कान में संक्रमण होने की वजह से होने की संभावना  कम होती है। कान में महसूस किया जाने वाला दर्द शायद किसी दूसरी जगह पर हो रहा हो, जैसे दांत, जबड़े के जोड़ (टेंपोरोमेंडिबुलर जॉइंट), या गला आदि। इसे 'निर्दिष्ट दर्द' कहा जाता है।  


कान दर्द के कारणों में निम्न शामिल हो सकते हैं।


जबड़े में गठिया

अल्पकालिक कान का संक्रमण

दीर्घकालिक कान का संक्रमण

दबाव में परिवर्तन से होने वाली क्षति (ऊंचाई वाले स्थान और अन्य कारणों से)

कान में 

टिप्पणियाँ

  1. mere kaan se 2 ya 3 din pahele sefed pip bahane laga fir bhout jor se dard hone laga hai. kirpiya bataye. kya karan ho sakta hai aur kon se dabaiya lu please

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